प्यासी चची की चूत चुदाई की कहानी (Pyasi Chachi Ki Chut Chudai Ki Kahani)

मेरा नाम किंग है.. यह नाम बदला हुआ है. मैं नॉयडा का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5’5″ है, रंग गोरा है. ये एक सच्ची घटना है जो मेरी सग़ी चुत चुदाई की प्यासी चाची के साथ हुई.

मेरी चाची का नाम सीमा है और उनकी उम्र 22 साल है क्योंकि मेरे चाचा की शादी जल्दी कम उम्र में ही हो गई थी. मेरे चाचा आर्मी में है. शादी के कुछ दिन बाद ही चाचा फ़ौज में चले गए.

मेरी फैमिली में हम 5 लोग हैं. मम्मी पापा चाची चाचा और मैं.. तो कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.

एक दिन मम्मी पापा मार्केट गए हुए थे. मैं कॉलेज से आया तो मुझे बहुत भूख लग रही थी.

मैंने मम्मी को आवाज़ दी- मम्मी, खाना लगा दो बहुत भूख लगी है.

तो चाची ने बाथरूम से आवाज़ दी कि मम्मी पापा मार्केट गए हैं और मैं बाथरूम में हूँ, कुछ देर रुक जाओ, मैं आती हूँ.

मैं वहीं पर बैठ गया और टीवी ऑन करके देखने लगा. मैंने गाने वाला चैनल लगा दिया और सुनने लगा.

इतने में चाची बाथरूम से बाहर आ गईं. आह… इस वक्त चाची क्या मस्त माल लग रही थीं; उनका भीगा बदन एकदम मस्त दिख रहा था; उनके चूचे ब्लाउज में से साफ तने हुए नजर आ रहे थे. पेटीकोट में उनकी तनी हुई गोल गोल गांड साफ नज़र आ रही थी.

मेरा मन तो हुआ कि उनको अभी पटक कर यहीं चोद दूँ लेकिन चूंकि वो मेरी चाची थीं, इसलिए मैं संकोच कर गया.

चाची अपने रूम में चली गईं और जब वापस आईं तो एक बार देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया. सच में क्या मस्त माल थीं वो.. पिंक साड़ी उनके शरीर पर क़यामत ढा रही थी. चाची के एकदम गुलाबी होंठ मुझे मौन आमंत्रण दे रहे थे. मैं लंड मसल कर रह गया.

फिर चाची मेरे लिए खाना लाईं. चाची मुझे खाना देने के लिए जैसे ही झुकीं, तो उनकी चूचियां साफ नजर आ रही थीं. मेरी कामुक निगाहों को तो उनकी ब्रा भी नजर आ गई. उन्होंने अन्दर लेस वाली पिंक कलर की ब्रा ही पहनी थी.

चाची खाना देकर जैसे ही रसोई में गईं तो चिल्लाने लगीं. मैं भाग कर गया तो देखा वहां पर एक छिपकली थी और चाची उसी को देख कर डर गई थीं.

मैंने उस छिपकली को वहां से भगाया. उसके बाद मैं खाना ख़ाकर बाहर चला गया. शाम को मैं वापस आया और खाना ख़ाकर अपने रूम में सोने के लिए चला गया. करीब साढ़े नौ बजे चाची मेरे रूम में आईं, उस वक्त मैं फ़ेसबुक पर था.

चाची बोलीं- मुझे अपनी लीड दे दो गाने सुनने हैं.

मैंने चाची को लीड दे दी.

उसके बाद वो चली गईं. कुछ देर बाद मैंने सोचा कि चाची के रूम में झाँक कर देख लेता हूँ कि चाची सो गई होंगी तो अपनी लीड ले आऊंगा.

मैंने जाकर देखा और देखता ही रह गया. चाची कान में लीड लगा कर अपनी चुत में उंगली करके अपनी कामवासना शांत कर रही थीं. मैं उनको इस अवस्था में देखता रहा.

कुछ देर बाद चाची शांत हो गईं और सो गईं. मैं भी अपने कमरे में जाकर मुठ मार के सोने लगा. पर मुझे आज नींद नहीं आ रही थी. मैं चाची को चोदने के बारे में सोचने लगा. ये सोचते सोचते पता नहीं मुझे कब नींद आ गई.

सुबह उठा तो रात का सीन आँखों के सामने आ गया और लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने सुबह सुबह ही चाची की चुत याद करके मुठ मार ली और नहाने चला गया. मैं नहा कर बाहर आया तो सिर्फ़ टॉवल लपेटी हुई थी और नीचे कुछ भी नहीं पहना था.

मैंने देखा कि मम्मी पापा टीवी देख रहे हैं. मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैं शुरू हो गया.

मैं चाची के पास गया और कहा- चाची, जरा तेल दे देना.

चूँकि मैं सिर्फ़ सरसों का तेल यूज करता हूँ. तो चाची ने मुझे तेल दे दिया और मैं सर पर तेल लगाता हुआ डांस करने लगा.

इसी बीच मैंने अपनी तौलिया को ढीला कर दिया था. वही हुआ.. कुछ देर डांस करने के बाद मेरा तौलिया खुल गया और लंड बाहर आ गया.

मैंने जल्दी से तौलिया उठाया और लपेट लिया.

मैंने देखा तो चाची मेरा लंड देख रही थीं. जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वे मुस्कुरा दीं.

मैं चुपचाप अपने कमरे में आ गया और खुश होने लगा कि अब काम बन जाएगा क्योंकि चाची भी चुदाई की प्यासी हैं.

कुछ देर बाद मुझे मालूम हुआ कि मम्मी पापा घूमने जाने वाले हैं और वे तीन दिन में वापस आएंगे.

दो बजे के करीब मम्मी पापा चले गए. मुझको मौका मिल गया और मैं चाची को चोदने की तरकीब ढूँढने लगा. लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझसे ज्यादा जल्दी चाची को थी.

क्योंकि मम्मी पापा के जाते ही वो अब केवल नाइटी में ही रहने लगी थीं. मेरी हरामी निगाहें इस बात को समझ लेती थीं कि उन्होंने नाइटी के नीचे ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी होती थी. जिसकी वजह से उनके चूचे थिरकते हुए साफ नजर आते थे.

शाम का टाइम था, मैं कॉलेज से बाहर आया और सोचने लगा कि चाची को कैसे चोदा जाए. मैं घर आया और केवल बनियान में हो गया मैंने नीचे लंड पर केवल तौलिया लपेट रखी थी. मैंने नीचे कुछ नहीं पहना था क्योंकि मैं चाची को अपना लंड दिखाना चाहता था.

मैं रसोई में पानी पीने गया और मैंने चाची को आवाज़ दी कि चाची खाना लगा दो.

चाची ने नाइटी पहनी हुई थी, वो रसोई में आईं. इस वक्त मैं भी रसोई में ही था. चाची को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा लेकिन मैंने खुद पर सयंम कर लिया और पानी पीने लगा.

अचानक चाची को फिर से छिपकली दिखाई दे गई और चाची चिल्लाते हुए मुझसे लिपट गईं. मेरा तौलिया खुल गया और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया. उस टाइम मैंने भी नहीं देखा कि मेरा तौलिया खुल गया है और मैंने नीचे कुछ नहीं पहना है.

मैंने चाची को अपनी बांहों में भरते हुए पूछा कि क्या हुआ?

तो मुझसे चिपकते हुए बोलीं- छिपकली है.

मैंने उसको भगा दिया लेकिन प्यासी चाची मुझे छोड़ने का नाम नहीं ले रही थीं. वे मेरे खड़े लंड को घूर रही थीं.. जो कि 6″ लंबा और 3″ मोटा था. मेरा लंड चाची को सलामी दे रहा था.

चाची मुझसे लिपटते हुए बोलीं- तुम्हारा सामान तो बहुत बड़ा है.

मैंने चाची को हटाने की कोशिश की ताकि चाची को लगे कि मैं ऐसा नहीं हूँ. लेकिन चाची मुझे छोड़ने का नाम नहीं ले रही थीं.

फिर उन्होंने मेरे लंड को छुआ. उनके नाज़ुक हाथों के छूते ही मुझमें करेंट सा दौड़ गया. अब मैंने भी चाची को अपनी बांहों में भर लिया और चाची ने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.

मुझको भी जोश आ गया और मैंने पीछे हाथ ले जाकर चाची की गांड को सहलाना शुरू कर दिया. चाची भी मजा लेने लगीं और मेरे लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं.

दस मिनट बाद मैं अपनी चरम सीमा पर आने वाला था और मेरे मुँह से आवाजें आने लगीं- ऑश चाची और जोर से आह.. ऊऊ चाची.. आओउ उहह अहह..

मैंने अपना माल चाची के ऊपर ही निकाल दिया. फिर चाची ने मेरे लंड को पकड़ा और लंड पकड़ कर अपने रूम में ले गईं. उन्होंने मुझको बेड पर लिटा दिया और अपनी नाइटी निकाल दी.

चाची ने नीचे कुछ नहीं पहना था. उनकी क्लीन चुत ओर गोरा रंग साफ नजर आ रहा था. चाची नाइटी को फेंक कर मेरे ऊपर चढ़ गईं और चूमने लगीं.

मुझसे भी नहीं रहा गया.. मैंने भी चाची को चूमने लगा.

चाची मेरे लंड की तरफ मुँह करके लेट गईं और मेरा सर पकड़ कर अपनी चुत पर लगा दिया. मैंने भी चाची की चुत को चूसना शुरू कर दिया. अब चाची के मुँह से आवाजें आने लगीं उउ.. आआहह.. ओर जोर से चूसोउऊउउ.. ससूऊऊ है उहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरे राजा हाय.. आआओउउ हह..

करीब दस मिनट का बाद चाची ने अपना पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया. मैंने चाची का सारा पानी पी लिया. चाची की चुत के पानी का स्वाद कुछ नमकीन सा था. चाची हांफते हुए मेरे ऊपर ही लेट गईं. मैं चाची की कमर को सहला रहा था.

फिर चाची उठीं और बाथरूम में चली गईं. दो मिनट में वे वापस आईं और मेरे पास आकर लेट गईं. चाची अब मेरे लंड को सहलाने लगीं मेरा लंड फनफना उठा.

फिर मैं उठा और चाची के मम्मों को मसलने लगा. चाची फिर से गरम हो गईं. मैंने चाची के मम्मों को अपने मुँह में लिया और जोर जोर से चूसने लगा.

चाची के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- सस्स्सिई.. उऊहह अहह आआआअहह..

चाची मेरा मुँह अपनी चूचियों पर दबाने लगीं. मैंने चाची की चूचियों को चूस चूस कर लाल कर दिया.

फिर चाची ने कहा- हटो मुझे भी चूसने दो.

चाची ने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं. फिर मेरे मुँह से भी आवाज़ निकलने लगी- आआआअ आअहह उउउहह.

हम दोनों फिर से 69 की अवस्था में आ गए. अब चाची मेरा लंड चूस रही थीं और मैं चाची की चुत चाट रहा था.

दो मिनट बाद हम दोनों अलग हुए. चाची कहने लगीं- अब और मत तड़पाओ अपनी रानी को.. मेरी चुत को फाड़ दो और मुझे अपनी रानी बना लो.

मैंने भी देर ना करते हुए चाची की चुत पर अपना लंड को रगड़ने लगा. चाची के मुँह से सिसकारियां आने लगीं- प्लीज़ आ जाओ.. पेल दो.

लेकिन मैंने पहले अपना लंड चाची के मुँह में पूरा घुसेड़ दिया और 15 सेकंड बाद निकाला, जो कि चाची में थूक से गीला हो गया था.

मैंने चाची की गांड पर लंड रख दिया तो चाची बोलीं- अभी नहीं.. इधर रात को कर लेना.. पहले मेरी चुत की प्यास बुझा दो.

मैंने कहा कि आप ही लगा लो.

चाची ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चुत पर सैट कर लिया. मैंने चाची की दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख लिया और एक ही झटके में अपना आधा लंड चाची की चुत में बाड़ दिया. लंड घुसते ही चाची चिल्लाने लगीं- उउइईई माँआअ.. मर गई.. बाहर निकालो जल्दी..

चूंकि चाची की चुत बहुत टाइट थी. इसलिए उनको बहुत दर्द हो रहा था. मैंने अपने होंठ चाची के होंठों पर रख दिए और चूसने लगा. बस कुछ देर बाद चाची शांत हो गईं.

मैंने फिर से एक और जोर का झटका मारा और अपना पूरा मूसल लंड चाची की चुत के अन्दर कर दिया. चाची तड़फ कर लंड बाहर निकालने की क़ोशिश करने लगीं, लेकिन मैंने उनको जकड़ किया और उनके होंठों से होंठ चिपका कर उनकी चूचियों को मसलने लगा.

चाची दर्द से कहे जा रही थीं- प्लीज़ बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है.

लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उनके मम्मों से खेलता रहा.

कुछ देर बाद चाची शांत हो गईं और अपनी गांड हिलाने लगीं. मैं समझ गया कि चाची अब चुदने को तैयार हैं. मैंने भी शॉट लगाने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी. अब चाची भी खुल कर लंड का मज़ा ले रही थीं.

“ऊओहह अहह और जोर से.. आआहह और जोऊऊर से.. आआहह उउउहह.. यह..ईई उऊहह..”

मैंने कहा- मजा आ रहा है चाची?

“हां.. बहुत दिनों बाद मजा आया है.. और तेज चोदो.. फ़ाड़ दो चुत को.. अपनी चाची की प्यास बुझा दो.”

मैंने स्पीड और तेज कर दी.

अब चाची चिल्लाने लगीं- आआ उहह.. राजा मेरा काम उठ गया.. आह.. मैं जाने वाली हूँ.. आआअहह..

बस कुछ देर में चाची झड़ गईं, लेकिन मैं अभी भी चाची को चोद रहा था. दस मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने पूछा कि किधर निकालूँ?

तो चाची ने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और बोलीं- चुत की प्यास बुझा दो राजा..

मैं भी उनकी चुत में ही झड़ गया और कुछ देर ऐसे ही लेटा रहा.

कुछ मिनट बाद चाची ने मुझे अलग किया और मेरे लंड को चूसने लगीं.

करीब 5 मिनट बाद लंड फिर खड़ा हो गया और अबकी बार चाची ने लंड को अपनी चुत पर रखा और मेरे ऊपर बैठ कर झटके देने लगीं. मेरा पूरा लंड चाची की चुत में चला गया. दो पल बाद चाची मेरे लंड पर ऊपर नीचे उछलने लगीं.

“आआ उऊहह अहह.. उऊहभ म्म्म्म म..”

इस बार खेल लम्बा चला और करीब 25 मिनट बाद मैं फिर चाची की चुत में झड़ गया और चाची भी झड़ कर मेरे ऊपर निढाल हो कर लेट गईं.

कुछ देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे. मैं चाची की कमर सहला रहा था,पर चाची की चुत की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी. चाची ने कहा- राजा एक राउंड और हो जाए.

लेकिन मैंने मना कर दिया. चाची कहने लगीं- प्लीज़ एक बार और…

मैंने ओके कहा और कहा कि इस बार गांड मारूँगा.

पहले चाची कुछ सोचने लगीं, फिर मान गईं और कहने लगीं- तेरा बहुत बड़ा लंड है आराम से करना.

मैंने कहा- ओके, तेल लगा कर करूँगा.

चाची ने हामी भर दी, तो मैं तेल लेकर आया.

चाची से कहा- मेरे लंड पर तेल लगाओ.

पहले चाची ने मेरे लंड की चुसाई की, फिर तेल लगा दिया. मैंने चाची को डॉगी स्टाइल में होने को कहा, तो वो झट से गांड उठा कर कुतिया बन गईं.

मैंने पीछे से चाची की गांड में तेल लगाया और अपना लंड चाची की गांड पर सैट कर दिया. चाची की गांड बहुत टाइट थी. मैंने हल्का सा झटका मारा और मेरा लंड एक इंच अन्दर चला गया.

चाची चिल्लाने लगीं- आह फट गई.. अब और अन्दर मत पेलो.. बाहर निकाल लो.. बहुत दर्द हो रहा है.

मैं रुक गया और चाची के मम्मों को दबाने लगा. कुछ देर बाद चाची की चिल्ल पों कम हुई तो मैंने चाची के मम्मों को जोर पकड़ा और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.

चाची चिल्लाने लगीं- आह.. मार दिया.. फट गई.. साले हरामी निकाल बाहर.. आआ हह..

मैं कुछ देर रुका रहा और चाची के मम्मों को मसलता रहा. चाची एक मिनट बाद शांत हो गईं. मैं फिर सुरू हो गया और अब चाची को भी मज़ा आने लगा.

“आआह.. आहह.. आआअशह उऊहहूविहह.. जोर से.. और जोर से करो मेरे राजा फाड़ दो गांड आआहह.. ऊऊहहुऊहह मम्म्म्मी.. आआआहह उऊहह आआहह..”

मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने कहा- किधर लोगी?

तो चाची बोलीं- मेरे मुँह में निकालो.

मैंने अपना लंड चाची के मुँह में दे दिया और अपना सारा रस अपनी चाची के मुँह में निकाल दिया. फिर हम दोनों बिना कपड़ों के ही सो गए.

इन 3 दिन में हमने 20-25 बार सेक्स किया. अब जब भी मौका मिलता है, मैं चाची की चुत और गांड दोनों बजाता हूँ.

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